
बच्चों और किशोर किशोरियों में एनीमिया को दूर करने सीएस की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक
6—59 माह के बच्चों को आइएफए सीरप सेवन कराने में पांच प्रखंड शीर्ष सूची में
इन प्रखंडों में गुरुआ, मानपुर, अतरी, बेलागंज और बांकेबाजार हैं शामिल
गया, 06 मार्च: एनीमिया का प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य और सामाजिक आर्थिक जीवन पर पड़ता है। एनीमिया का खास असर महिलाओं पर पड़ता है। एनीमिया के कुचक्र को तोड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयरन एवं फॉलिक एसिड सीरप व गोली का सेवन कराया जाता है। दवा सेवन के साथ—साथ खानपान संबंधी व्यवहार परिवर्तन, कृमि दूर करने के लिए दवा का सेवन, हीमोग्लोबिन की जांच आदि शामिल है। स्कूलों में टी थ्री यानि टेस्ट, ट्रीट एंड टॉक कैंप का आयोजन होता है। जिला में हीमोग्लोबिन की जांच को बढ़ाना है ताकि बच्चों तथा किशोर—किशोरियों में एनीमिया के स्तर की मॉनिटरिंग कर इससे बचाव के लिए दवा दी जा सके। यह बातें सिविल सर्जन डॉ राजाराम प्रसाद ने एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम को लेकर बोधगया में आयोजित समीक्षा सह प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कही। सिविल सर्जन ने कई प्रखंडों द्वारा आइएफए दवा सेवन कराने में बेहतर कार्य की प्रशंसा की। आॅल इंडिया इस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल सांइसेज के सहयोग से एक दिवसीय समीक्षात्मक बैठक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन के साथ डीआइओ डॉ राजीव अंबष्ट, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी जयशंकर, यूनिसेफ से पोषण पदाधिकारी डॉ संदीप घोष तथा राज्य सलाहकार प्रकाश सिंह सहित विभिन्न प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, आइसीडीएस प्रतिनिधि व शिक्षा विभाग से अधिकारी मौजूद रहे।
तीन विभागों के संयुक्त तत्वाधान में चल रहा कार्यक्रम:
डॉ संदीप घोष ने बताया बच्चों में एनीमिया रोकथाम के लिए एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम स्वास्थ्य, शिक्षा और समाज कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वाधान में जिले में क्रियान्वित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम की मदद से छह से 59 माह के बच्चों को आयरन फॉलिक एसिड सीरप सप्ताह में दो बार तथा पांच से नौ वर्ष के बच्चों को आइएफए गुलाबी गोली प्रत्येक सप्ताह तथा दस से 19 वर्ष के किशोर किशोरियों को आइएफए नीली गोली का सेवन कराया जाता है।
दवा सेवन कराने में कई प्रखंड शीर्ष स्थानों पर:
छह से 59 माह के आयुवर्ग के बच्चों को जनवरी माह में आयरन एवं फॉलिक एसिड दवा का सेवन कराने में शीर्ष पांच प्रखंडों में गुरुआ, अतरी, बेलागंज और बांकेबाजार प्रखंड शामिल हैं। पांच से नौ वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को आइएफए दवा सेवन कराने में शीर्ष पांच प्रखंडों में टनकुप्पा, टिकारी, कोंच, फतेहपुर और बेलागंज प्रखंड शामिल हैं। 10 से 19 वर्ष के किशोरियों में आइएफए दवा सेवन कराने में शीर्ष पांच प्रखंडों में टिकारी, कोंच, बेलागंज, शेरघाटी और टनकुप्पा शामिल हैं।
त्रिलोकी नाथ डिस्ट्रिक्ट डिवीज़न हेड गया
वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज़